कभी कोई मांगे मेरा ऑटोग्राफ
तो मैं अपने हाथों को देखूंगा
और सोचूंगा कि मैं कितना छोटा हूं
और दुनिया कितनी बड़ी है
कभी कोई मांगे मेरा ऑटोग्राफ
तो मैं अपने दिल को देखूंगा
और सोचूंगा कि मैं कितना बड़ा हूं
और दुनिया कितनी छोटी है
कभी कोई मांगे मेरा ऑटोग्राफ
तो मैं अपने शब्दों को देखूंगा
और सोचूंगा कि मैं कितना अनमोल हूं
और दुनिया कितनी धन्य है
कभी कोई मांगे मेरा ऑटोग्राफ
तो मैं अपने जीवन को देखूंगा
और सोचूंगा कि मैं कितना भाग्यशाली हूं
और दुनिया कितनी खूबसूरत है
कभी कोई मांगे मेरा ऑटोग्राफ
तो मैं अपने जीवन के हर पल को
उसके सामने प्रकट कर दूंगा
अपने हर गलती और सफलता को
अपने हर उदासी और खुशी को
अपने हर आँसू और मुस्कान को
अपने हर सपने और आकांक्षा को
कभी कोई मांगे मेरा ऑटोग्राफ
तो मैं अपने जीवन का हर मोड़ को
उसके सामने रख दूंगा
अपने हर संघर्ष और चुनौती को
अपने हर उतार और चढ़ाव को
अपने हर दर्द और सुख को
अपने हर प्यार और दुःख को
कभी कोई मांगे मेरा ऑटोग्राफ
तो मैं अपने जीवन की हर कहानी को
उसके सामने सुना दूंगा
अपने हर पात्र और घटना को
अपने हर संदेश और सीख को
अपने हर सपने और आशा को
अपने हर प्यार और विश्वास को
कभी कोई मांगे मेरा ऑटोग्राफ
तो मैं उसके लिए एक नया जीवन लिख दूंगा
एक ऐसा जीवन जो खुशियों से भरा हो
एक ऐसा जीवन जो सफलताओं से भरा हो
एक ऐसा जीवन जो प्यार और विश्वास से भरा हो
एक ऐसा जीवन जो दुनिया को बदल दे
कभी कोई मांगे मेरा ऑटोग्राफ
तो मैं उसे अपनी पूरी दुनिया दे दूंगा
अपने दिल और आत्मा को दे दूंगा
अपने सपनों और आकांक्षाओं को दे दूंगा
अपने प्यार और विश्वास को दे दूंगा
अपने जीवन को दे दूंगा
कभी कोई मांगे मेरा ऑटोग्राफ
तो मैं उसे एक नई दुनिया दिखा दूंगा
एक ऐसी दुनिया जो प्यार और विश्वास से भरी हो
एक ऐसी दुनिया जो खुशियों और सफलताओं से भरी हो
एक ऐसी दुनिया जो दुनिया को बदल दे
✍️ लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर
परिचय
बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।
शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।