कम सीखा तो क्यों और पूरा सीख गया तो कैसे ?

यदि आप थोड़ा सा भी सोंचे तो पायेंगे कि मानव किसी न किसी रूप मे अपना मूल्यांकन करता आया है और उस मूल्यांकन के आधार पर अपनी जीवन की दशा और दिशा को निर्देशित करता आया है। हम यह भी जानते हैं की एक ग़लत मूल्यांकन किसी के भी जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। फ़िर जब बच्चों की बात हो हो तो यह अति आवश्यक है की उनका मूल्यांकन सोच समझकर , कई अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं को ध्यान मे रखकर किया जाए क्योंकि............
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