"हर काम की एक अपनी गरिमा है, और हर काम को अपनी पूरी क्षमता से करने में ही संतोष मिलता है।"
►लाल बहादुर शास्त्री
"खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।"
►महात्मा गांधी
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जय हो! महात्मा जी और शास्त्री जी का जन्मदिन मुबारक हो!
ReplyDeleteकर्मशील भारत बने, यही दोनों की इच्छा है।
ReplyDelete...एक शिक्षा का ही क्षेत्र बचा है जहाँ दोनों महापुरुषों की प्रासंगिकता बरकरार है,वर्ना राजनीति ने तो इनका दोहन ही किया है,ख़ासकर महात्मा का ।
ReplyDeleteसही समय पर याद किया आपने
ReplyDeleteहृदय से नमन आपकी इस प्रस्तुति के लिये।
ReplyDeleteदोनों को देश और देशवासियों की तरफ़ से शत शत नमन
ReplyDeleteदोनों को शत-शत नमन!
ReplyDeleteमुझे भी महात्मा गांधी जी यह बात बेहद पसंद है। मैं अक्सर दूसरों से कहता रहता हूं: दूसरों को बदलना नामुमकिन है, बेहतर है आप खुद को बदल लें, दुनिया खुद बखुद बदली नजर आने लगेगी।
ReplyDeleteनमन आपकी इस प्रस्तुति के लिये !
ReplyDeleteशास्त्री जी को भी याद किया ...अच्छा लगा..
ReplyDeleteदोनों ही महान हैं..उन्हें नमन.
जय हो!
ReplyDeleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ... आशा है नया वर्ष न्याय वर्ष नव युग के रूप में जाना जायेगा।
ReplyDeleteब्लॉग: गुलाबी कोंपलें - जाते रहना...