शत शत नमन!

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हमें बच्चों को ऐसी शिक्षा नहीं देनी चाहिए जिससे वे श्रम का तिरस्कार करें। 




कौन नहीं करता सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग?
और
सत्ता का सुख देखने का नजरिया बदल देता है।
के अपवाद पुरुष
लाल बहादुर शास्त्री


को मेरा शत शत नमन !

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10Comments
  1. बापू अगर आज तुम होते।

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  2. गाँधी अब बाज़ार हैं,औजार हैं,
    हम लाचार और शर्मसार हैं !

    फिर भी हे मोहन ! आज तुम बहुत याद आ रहे हो !

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  3. शास्त्रीजी अपनी सादगी के लिए हमेशा बेमिसाल रहेंगे !

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  4. इन दोनों अपवादों को नमन

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  5. बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।

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  6. जिस रूप में अहिंसा का गांधीजी ने प्रतिपादन किया था वह अब शुभ आग्रह मात्र न रह कर, एक आवश्यकता हो गई है।

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  7. बेहतरीन प्रस्तुति ।

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  8. चित्र को थोडा मरोड दें तो प्रश्नसूचक बन जाएगा और आज देश की स्थिति ऐसी है :(

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  9. 'shradhya dwiz ko naman'


    pranam ma'sahab

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