- मैंने अपने जीवन के सबसे बड़े फैसलों को करते समय मैंने अपनी मौत के विचार को सबसे महत्वपूर्ण औजार बनाया क्योंकि मौत के सामने सभी बाहरी प्रत्याशाएं, सारा घमंड, असफलता या व्याकुलता का डर समाप्त हो जाता है और जो कुछ वास्तविक रूप से महत्वपूर्ण है बचा रह जाता है।
- जब आप याद रखते हैं कि आप मरने वाले हैं तो आपका सारा भय समाप्त हो जाता है कि आप कुछ खोने वाले हैं। जब पहले से ही आपके पास कुछ नहीं है तो क्यों ना अपने दिल की बात मानें।
- मैं आपसे कह सकता हूँ कि जब मौत उपयोगी हो, तब इसके करीब होने का विचार पूरी तरह से एक बौद्धिक विचार है। मरना कोई नहीं चाहता। जो लोग स्वर्ग जाना चाहते हैं, वे भी मरना नहीं चाहते लेकिन यह ऐसा गंतव्य है, जहाँ हम सबको पहुँचना ही है। कोई भी इससे नहीं बचा है और इसे जीवन की सबसे अच्छी खोज होना चाहिए।
- आपका समय सीमित है, इसलिए इसे ऐसे नहीं जिएं जैसे कि किसी और का जीवन जी रहे हों। दूसरे लोगों की सोच के परिणामों से प्रभावित न हों और दूसरों के विचारों की बजाए अपने विचारों को महत्व दें। और सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप अपने दिल की बात सुनें। आपके दिलो दिमाग को पहले से ही अच्छी तरह पता है कि आप वास्तव में क्या बनना चाहते हैं।
'भूखे बने रहें और मूर्ख बने रहें'।
( 'stay hungry stay foolish' )
(स्टीव जॉब्स)
बड़े विचार पढ़ने में जितने अच्छे लगते हैं, अनुकरण करने में उतने ही कठिन। प्रभावी वही होते हैं जो कर्मों से अर्जित होते हैं न कि सिर्फ पढ़कर।
ReplyDelete..स्टीव जॉबस् को विनम्र श्रद्धांजलि।
चिंतनीय और अनुकरणीय.
ReplyDeleteस्टीव जॉब्स को भावभीनी श्रद्धांजलि.
स्टीव जॉब्स का कहा अब एक दस्तावेज बन चुका है.हम आम लोगों के लिए वे एक किम्वदंती बन चुके हैं.उनके जाने के बाद अब बहुत सी बातें उनके बारे में पता लग रही हैं.अपनी जिजीविषा और कार्यशैली से उन्होंने लोगों को चमत्कृत किया और यह काम असाधारण लोग करते हैं ! हार्दिक श्रद्धांजलि !
ReplyDeleteप्रेरक विचार ...
ReplyDeleteस्टीव जॉब्स को विनम्र श्रद्धांजलि!
स्टीव मेरे हीरो थे! मेरे मैक बुक से यह टिपण्णी!
ReplyDeleteइस विषय से प्रभावित हूँ और सम्प्रति इस पर लिख भी रहा हूँ।
ReplyDeleteस्टीव जॉब्स को विनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDeleteकब्रगाह में सबसे आमिर शख्स के तौर पर पहचाना जाना मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता है रात को सोने से पहले दिमाग में आना चाहिए कि हा हमने कुछ गजब का काम किया है , इस बात से फर्क पड़ता है |
ReplyDeleteआज ही उनके ये विचार पढ़ा जो उन्होंने १९८३ में ही दिया था जब उन्हें कैंसर नहीं था |
वास्तव में अनुकरणीय
ReplyDeleteआभार.
एक महान शख्शियत के के व्यावहारिक विचार !
ReplyDeleteसब को अपनी अपनी घडियां तो गिननी ही है पर अक्सर हम गिनती भूल जाते हैं :)
ReplyDelete.स्टीव जॉबस् को विनम्र श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteजीते जी मरना सीख लो तो मृत्यु के भय से छूट जायेंगे।
ReplyDeleteअकर्मण्यता का दूसरा नाम मृत्यु है |-– मुसोलिनी.
ReplyDeletewhat a great visionary... Great level 5 leader...
ReplyDeleteहम तो रोज मरते हुए जीते हैं। सचमुच जीवन जियो तो स्टीव जॉबस् की तरह।
ReplyDeleteबेहतर लेकिन आध्यात्मिक किस्म का…लेकिन प्रेरक भी, और भयानक भी…
ReplyDeleteबार-बार शून्य से शुरू करके शिखर तक पहुंचने वाला व्यक्ति। ऐसी महान आत्मा को नमन।
ReplyDeleteअनुकरणीय पोस्ट । धन्यवाद ।
ReplyDeleteप्रवीण जी,
ReplyDeleteदीपावली के शुभ अवसर पर आपको परिजनों और मित्रों सहित बहुत-बहुत बधाई। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह आपका जीवन आनंदमय करे!
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साल की सबसे अंधेरी रात में*
दीप इक जलता हुआ बस हाथ में
लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी
बन्द कर खाते बुरी बातों के हम
भूल कर के घाव उन घातों के हम
समझें सभी तकरार को बीती हुई
कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
अपना-पराया भूल कर झगडे सभी
प्रेम की गढ लें इमारत इक नई