(फेसबुक पर उदयप्रकाश जी की कविता संबंधी प्राथमिक पाठ्य पुस्तिका )
पहली बार लग रहा है कि कविता समझने के लिए कुछ पढ़ाई सफल हो सकती है | वरना तो अब तक हम यही माने बैठे थे कि हर आदमी की एक सीमा होती है |.......और कविता हमारी मानसिक सीमा के बाहर की चीज है| इसे विज्ञान वर्ग से पढ़ाई का दुष्प्रभाव कहूँ .......या कुछ और ? .........शायद इसीलिए कई बार अपने लिखने के अंदाज में एक किताबीपन सा समझ आने लगता है | ज़रा अपने ज्ञान से हमको भी तृप्त करिए ना ?
आप चाहें तो इसे ब्लॉग्गिंग में मेरे औपचारिक होने की शुरुवात ही क्यों ना समझ लें ? शायद .......पहली बार इतनी शिद्दत से आपकी टिप्पणी की बाट जोह रहा हूँ!
कविता को समझने के लिए दिल और दिमाग दोनों का प्रयोग करना पड़ता, जो कम से कम मई नहीं कर पाता.
ReplyDeleteफेसबुक खुल नहीं रहा अभी :( रात को देखता हूँ.
ReplyDelete.
ReplyDeleteI always fail to understand poems , until unless it is written in clear words. The hidden meaning is tough to gather in poems.
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ReplyDeleteOne has to be a poet by heart to comprehend beautiful creations by poets and poetesses .
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कविता समझने के लिये कवि ह्र्दय होना जरुरी है..
ReplyDelete@P.N. Subramanian
ReplyDeleteये तो दोनो है हमारे पास ....पर समझ नहीं आता की शुरुआत कहाँ से करें ?
@अभिषेक ओझा
समझाना नहीं चाहते तो निकल रहे हो पतली गली से ? जाओ प्यारे जाओ प्यारे ...हमको तो कविताई की सनक लगी तो बस लगी !!!!
@ZEAL
ये जद्दोजहद इधर भी जारी है !
@Vivek Rastogi
येल्लो ! अब नयी शर्त ?....तो भैये यह बताओ ...कवि ह्र्दय होने के लिए क्या करना पडेगा ?
@Vivek Rastogi
ReplyDeleteएक बात और....... हम कविता समझने से ज्यादे लिखना चाहते हैं !
कविता समझने के लिये कल्पना शक्ति का होना जरुरी है..
ReplyDelete@दर्शन लाल बवेजा
ReplyDelete....और कल्पना शक्ति के लिए क्या करना होगा ?
प्रवीण जी, जिस प्रकार संगीत सभी को नहीं रूचता, उसी प्रकार कविता भी सभी को नहीं रूचती है। वैसे उदय प्रकाश जी यह कविता मैंने फेसबुक में देखी थी, पर मुझे लगता है कि कविता समझ आने के लिए पढाई करने से ज्यादा आपके अंदर उसको समझने वाले जींस होना बहुत जरूरी है।
ReplyDeleteकविता या संगीत को समझने के लिए पहले सा रे गा मा पढना होगा !
ReplyDeleteसबसे पहले बताएं कि कविता है कौन ... फिर आगे की बात :)
ReplyDeletehamari bhi mansik sima se bahar hai to aap ko kya bataye .
ReplyDeleteयदि मन से बहती है तो सरल, यदि बल पूर्वक बनायी जाये तो कठिन।
ReplyDeleteबहुत पसन्द आया
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