कुछ तो उस दंडधारी शख्स में है जो सत्य और अहिंसा की बातें करते हुए आम आदमी की हद से आगे बढ़ता हुआ चला जाता है | जिस साहस से गाँधी जी ने स्वयं पर पुनर्विचार किया........शायद सबसे बड़ा आकर्षण का बिंदु यही है | .........बाकी असहमति भी कई मुद्दों पर होने के बावजूद हमेशा से उस शख्स के बारे में जानने की उत्कंठा बनी रहे | .......आज बस यही प्रार्थना है !
गाँधी विचार यहाँ भी देख सकते हैं:
भारत के महान सपूत "लाल बहादुर शास्त्री" को भी मेरा नमन !
गांधीजी और लाल बहादुर शास्त्री जी को नमन!
ReplyDelete.
ReplyDeleteआज हमारे देश की दो महान विभूतियों की जयंती है। बापू और शास्त्री जी को शत-शत नमन।
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बापू और शाश्त्री जी को नमन.
ReplyDeleteरामराम.
गांधीजी और लाल बहादुर शास्त्री जी को नमन!
ReplyDeleteयही सबकी प्रार्थना है ।
ReplyDeleteराष्ट्रपिता को नमन।
ReplyDeleteaapki bat pte ki he . akhtar khan akela kota rajthnan
ReplyDeleteउसका डंडा ही काफी था... मारना नहीं मास्टर साहब :)
ReplyDeleteगांधीजी और लाल बहादुर शास्त्री जी को शत शत नमन!
ReplyDeleteकुछ तो उस दंडधारी शख्स में है जो सत्य और अहिंसा की बातें करते हुए आम आदमी की हद से आगे बढ़ता हुआ चला जाता है | जिस साहस से गाँधी जी ने स्वयं पर पुनर्विचार किया........शायद सबसे बड़ा आकर्षण का बिंदु यही है | .........बाकी असहमति भी कई मुद्दों पर होने के बावजूद हमेशा से उस शख्स के बारे में जानने की उत्कंठा बनी रहे | .......आज बस यही प्रार्थना है !
ReplyDeleteबिलकुल सहमत हूँ आपकी इन पंक्तियों से
फेसबुक पर सुरेश चन्द्र गुप्तकी टिप्पणी:
ReplyDeleteबापू में जरूर कुछ ऐसा था जिस से लोग उनका आदर करने पर मजबूर हो जाते थे. बैसे गलतियाँ तो हर इंसान से होती है पर बापू जैसे इंसानों की गलतियों का असर कुछ ज्यादा ही होता है.
बंदों में था दम,
ReplyDeleteवंदे मातरम्...
जय हिंद...
गाँधी जी के साथ ही शास्त्री जी याद किये जाते हैं,इसका भी शास्त्री जी को अफ़सोस नहीं होता,ऐसे महापुरुष थे वे !
ReplyDeleteगांधीजी और लाल बहादुर शास्त्री जी को शत शत नमन!
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