प्रत्यक्षीकरण और निरूपण ऐसे कौशल हैं जिनको विकसित करने में गणित सहायक हो सकता है। परिमाण, आकार व रूपों का प्रयोग करके स्थितियों का प्रतिरूपण करने में गणित का सर्वश्रेष्ठ प्रयोग होता है। गणितीय अवधारणाओं को भी कई तरीकों से निरूपित किया जा सकता है और ये निरूपण विभिन्न संदर्भों में विविध प्रयोजनों का काम करते हैं —इस प्रकार यह सब गणित की सामर्थ्य को बढ़ाता है।
उदाहरण के लिए एक भिन्न (x/y) को बीजगणितीय तौर पर निरूपित किया जा सकता है और एक ग्राफ के रूप में भी। अब अगर x/y को एक पूर्ण इकाई के एक अंश के रूप में प्रस्तुत किया गया है तो वह दो अंकों x तथा y के भागफल को भी इंगित कर सकता है। कुछ कुछ यह तार्किकता के दो पहलुओं के सरीखा ही कहा जा सकता है ।
गणित व अन्य विषयों के अध्ययन के बीच संबंध बनाने की भी अपनी महत्ता व विशेषता है है। जब बच्चे ग्राफ बनाना सीखते हैं तो उन्हें भू-विज्ञान सहित विभिन्न विज्ञानों के संबंधों के बारे में सोचने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए।
हमारे बच्चे इस तथ्य के मूल्य को पहचान पाएँ कि गणित, विज्ञान के अध्ययन का सबसे प्रभावी उपकरण है। गणित में व्यवस्थित तार्किकता के महत्व पर और प्रबलता से ज़ोर नहीं दिया जा सकता। जाहिर है यह गणितज्ञों की सौष्ठव और सौंदर्य-बोध जैसी अत्यंत प्रिय धारणाओं से गहरे रूप में जुड़ा हुआ है।
(क्रमशः जारी)
धन्यवाद..आप जारी रहें.
ReplyDeleteकाश !
ReplyDeleteगणित का सबसे बड़ा लाभ मन में सृष्टि का गणनात्मक चित्रण होना है ।
ReplyDeleteगणित का सबसे बड़ा लाभ मन में सृष्टि का गणनात्मक चित्रण होना है ।
ReplyDeleteबहुत खुब
ReplyDeleteधन्यवाद
दीपावली की शुभकामनायें !!
ReplyDeleteआपके ब्लाग पर हर बार कुछ नई जानकारी मिलती है।
ReplyDeleteपूनम