आज तो यह करें !!
आज विश्व वानिकी दिवस है। सवेरे से यह खबर पढ़ते समय तक आपने कई काम किये होंगे। आज वानिकी दिवस के मौके पर एक काम ऐसा भी करें जो थोड़ी देर, थोड़ी संतुष्टि, थोड़ी प्राप्ति का न हो बल्कि यह काम ऐसा हो जो आपके कर देने के बाद, आपके बाद भी सुखद परिणाम देते रहने वाला हो .. आज एक ऐसा बीमा करें जो एक बार कर देने के बाद सदैव देते रहने वाला हो .. तो आज अपने प्यारे प्राइमरी के मास्टर के आग्रह, आह्वान, मनुहार पर एक काम यह करें कि एक पौधा रोप दें, आज एक पुण्य रोप दें जो आपके साथ इस समाज, इस पर्यावरण, प्रकृति के लिए भी स्वर्ग सा परिणामदायी है।
बहुत बहुत शुक्रिया आपका. खुशी की बात है कि प्रायमरी के मास्टर साहब तो अच्छी बातें याद दिला रहे हैं वरना यूनिवर्सिटी के मास्साब तो पेड़ जलाकर हाथ तापने की जुगत भिडाने में ही व्यस्त हैं.
ReplyDeleteनिश्चित आज प्रयास रहेगा एक पुण्य रोपने का..
ReplyDeleteआपको शुभ दिवस.
आज विश्व वानिकी दिवस होने की जानकारी आपसे ही मिली।
ReplyDeleteईश्वर करे, आज मैं कुछ वैसा ही करने में सफल हो सकूं जैसा आपने बताया है।
जानकारी के लिए धन्यवाद...
ReplyDeleteक्या इस वक्त पौधा रोपना ठीक होगा ? शाम हो गयी है । कल जरूर यह् काम कर दूंगा ।
ReplyDeleteओह, पौधा तो नहीं रोपा पर आज दफ्तर में पेड़ पौधों को निहार मुग्ध अवश्य होता रहा। तब यह नहीं मालुम था कि वानिकी दिवस है।
ReplyDeleteजानकारी के लिये शुक्रिया।
जानकारी के लिए धन्यवाद.
ReplyDeleteदेर से ही सही, पर आज पौधा रोपुगां जरूर, अलख जगाई है तो आन्दोलन तो आगे बढ़ना ही चाहिए.
चन्द्र मोहन गुप्त
अरे मास्टर साहब जगह भी तो होनी चाहिए रोपने के लिए... घर पे बोलता हूँ.
ReplyDeleteप्रवीण जी, आपकी मनुहार सिर आंखों पर.. ज़रूर कोशिश करूंगा कि एक पौधा लगाऊं..
ReplyDeleteकेवल आज ही क्यों भाई हमेशा क्यों नही । एक पेड का पूण्य तो सौ यज्ञ के बराबर है
ReplyDeleteअपने शहर में तो पौधे को साया देने के लिए भी पेड़ नहीं बचे.
ReplyDeleteप्रवीण जी ,
ReplyDeleteइधर काफी दिनों बाद आपके ब्लॉग पर आ सका .बहुत कुछ बदला हुआ ,नया नया सा दिखा .अच्छा लगा .
पौधारोपण का जो सन्देश अपने दिया है वो हमारे पर्यावरण के लिए जरूरी है...
हेमंत कुमार
हाँ....भाई हम तो तैयार हैं.........और भी बन सकता है अपन से...........वो करते ही चलते हैं............!!
ReplyDeleteसुन्दर विचार है. अनुकरणिय भी है. साधूवाद.
ReplyDeleteमगर शहरों में जहाँ बच्चों के लिए खेलने को जगह नहीं है, पौधा कहाँ लगाएं?
वानिकी दिवस को तो यह पुण्य कार्य नहीं कर पाए; आज ज़रूर करूंगा. प्रेरणा के लिए धन्यवाद.
ReplyDeletewo logonko samazna chiye........
ReplyDeleteneed bpo jobs without a single rupee!!!!!!!! a genuine job from home.
Work from home
स्वागत योग्य सुझाव है।
ReplyDeleteAapke instruction ki bhasha me gahri atmiyata mahsoos hui. Sabhyata ka dabaw to pedo par hai hi, ped lagane ke sath ped bachane aur jaruri ho to bhare-pure ped ke liye transplant ki taknik ka prayog jaruri hai.
ReplyDeleteAapke instruction ki bhasha me gaheri atmiyata mahsoos hui. is bhasha aur vichar ke sath primary ki hi nahi samaj ki masteri bhi ki ja sakti hai
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