लोकसभा चुनाव की तैयारियों में इस बार निर्वाचन आयोग ने पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया है। पर्यावरण के बिगड़ते संतुलन को संज्ञान में रखते हुए आयोग ने प्रचार सामग्री में पालीथिन के उपयोग को भी आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में लिया है। जिसके तहत पार्टियों द्वारा चुनाव प्रचार में पालीथिन से निर्मित सामग्रियों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर रखा है। ऐसे में पालीथिन के उपयोग करने पर प्रत्याशी मुसीबत में फंस सकते हैं।
पर्यावरण संरक्षण एवं संतुलन समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। बिगड़ते पर्यावरण के इसी पहलू को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने चुनावी समर में पालीथिन को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।इसके तहत पालीथिन, पेंट और प्लास्टिक के प्रयोग को भी वर्जित कर दिया गया है।मालूम हो कि चुनाव प्रचार के दौरान पालीथिन का इस्तेमाल बैनर, पंपलेट तथा स्लोगन लिखने के रूप में किया जाता है। बाद में एकत्र हजारों टन कचरे का निपटारा बहुत बड़ी चुनौती होती है। लेकिन इस बार यह सब नहीं चल पाएगा।
जानकारी के मुताबिक चुनाव प्रचार में सार्वजनिक स्थलों एवं इमारतों में होर्डिंग आदि लगाने के आयोग ने पालीथिन के प्रयोग को भी आचार संहिता के दायरे में रखा है। निर्वाचन आयोग के अनुसार आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्ती से निपटेगा।प्रत्याशियों को नामांकन के साथ एक शपथ पत्र भी देना होगा। जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा कि प्रत्याशी द्वारा पालीथिन की प्रचार सामग्री प्रयोग में नही लाई जाएगी। इसका उल्लंघन पाए जाने पर आयोग नियमानुसार कार्रवाई करने को स्वतंत्र होगा।
बता दें कि पूर्व में इस तरह की प्रचार सामग्री का प्रयोग होता रहा है। मगर पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए आयोग के इस कड़े रुख को अधिकांश लोगों द्वारा सराहा जा रहा है।और ज्यादा जानकारी यहाँ और यहाँ भी उपलब्ध है .....आधिकारिक जानकारी पीडीऍफ़ फोर्मेट में यहाँ उपलब्ध है ।
बता दें कि पूर्व में इस तरह की प्रचार सामग्री का प्रयोग होता रहा है। मगर पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए आयोग के इस कड़े रुख को अधिकांश लोगों द्वारा सराहा जा रहा है।और ज्यादा जानकारी यहाँ और यहाँ भी उपलब्ध है .....आधिकारिक जानकारी पीडीऍफ़ फोर्मेट में यहाँ उपलब्ध है ।
बढ़िया जानकारी दी आपने...शुक्रिया
ReplyDeleteचुनाव आयोग का यह कदम निःसन्देह सराहनीय है, पर इसका अक्षरशः पालन हो तो !
ReplyDeleteलिंक के लिये धन्यवाद ।
जानकारी बढाने का शुक्रिया गुरूजी। चुनाव आयोग की पहल का ज़ोरदार स्वागत होना चाहिये।
ReplyDeleteसराहनीय है. वैसे तो बंद नहीं होने वाला था. अब कुछ जाग्रति तो आएगी.
ReplyDeleteस्वागतीय पहल..इस जागरुकता की दरकार है./\
ReplyDeleteचुनाव आयोग की तरु से अच्छी पहल है ये ... हर ओर इसी प्रकार के कदम उठने चाहिए।
ReplyDeleteअच्छी जानकारी जी। बाकी लगता नहीं कि कचरा नहीं पनपेगा चुनाव प्रक्रिया में।
ReplyDeleteप्रवीण जी अच्छी जानकारी दी आप ने, लेकिन कोन मानेगा, जहां सभी कानुन बाद मै बनता है उसे तोडने वाले पहले ही तेयार होते है.
ReplyDeleteधन्यवाद
लगता है कि भारत में हर सुधार का सूत्रपात या तो न्यायालय द्वारा होगा या फिर निर्वाचन आयोग द्वारा - जो भी हो सही दिशा में एक और कदम बढ़ने की खुशी है. क्या किसी ने कभी सोचा है कि अगर पोलीथीन इतना ही खराब है तो उसके व्यवसाय को ही प्रतिबंधित क्यों नहीं किया जाता है?
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी है।
ReplyDeleteनिर्वाचन आयोग ka ek sarahniy qadam..
ReplyDeletesabhi ko is disha mein jimmedari nibhani chaheeye.
dhnywaad is jaankari hetu.