Praveenji, Sabse pahle to mere blog ka samarthan karne ke liye mera dhanyavad sveekaren.Apne aj kee post ke madhyam se vyavastha par kararee chot kee hai.
सटीक वैसे आजकल रुपयों से प्रमाण पत्र तो क्या डिग्री भी हासिल की जा सकती है पर शैक्षिक गुणवत्ता नही खरीदी जा सकती है और ये गुणवत्ता किसी कसौटी में खरी नही उतर सकती है .
शिक्षक की सेवायें अनमोल हैं, मित्र ! जीवनयापन के लिये उसे समयानुकूल मानदेय या वेतन मिलना अलग बात है .. पर.. गुणवत्ता पर यह पुरूस्कार ? यह तो सरासर अपमान है, उसकी सेवाओं का गुणवत्ता को करेन्सी में आँकने का प्रश्न ही नहीं उठता ! आप इसे अविलम्ब लौटा दें.. यह मेरा विनम्र विरोध है !
इतना सस्ता ??????????
ReplyDeleteबहुत कड़वी सच्चाई है
ReplyDeleteदुखद!
ReplyDeletePraveenji,
ReplyDeleteSabse pahle to mere blog ka samarthan karne
ke liye mera dhanyavad sveekaren.Apne aj
kee post ke madhyam se vyavastha par
kararee chot kee hai.
सटीक वैसे आजकल रुपयों से प्रमाण पत्र तो क्या डिग्री भी हासिल की जा सकती है पर शैक्षिक गुणवत्ता नही खरीदी जा सकती है और ये गुणवत्ता किसी कसौटी में खरी नही उतर सकती है .
ReplyDeleteएक कडबा सच !!
ReplyDeleteधन्यवाद
ReplyDeleteशिक्षक की सेवायें अनमोल हैं, मित्र !
जीवनयापन के लिये उसे समयानुकूल मानदेय या वेतन मिलना अलग बात है ..
पर.. गुणवत्ता पर यह पुरूस्कार ?
यह तो सरासर अपमान है,
उसकी सेवाओं का गुणवत्ता को करेन्सी में आँकने का प्रश्न ही नहीं उठता !
आप इसे अविलम्ब लौटा दें.. यह मेरा विनम्र विरोध है !
excellent micro-post
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