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‘शैक्षिक गुणवत्ता’ के शोर के दौर में परीक्षा में इस प्रकार का परिवर्तन, कि सबको पास करना, शिक्षकों की दृष्टि से विवादास्पद है क्योंकि, उनके अनुसार, इसक सीधा असर विद्यार्थियों की पढ़ने में मेहनत करने की प्रेरणा पर पड़ा है। मेरा मानना है कि परीक्षा की पद्धति बदलने की जरूरत थी, उसे रटन्त पद्धति से हटाकर तार्किकता का आधार मिलना जरूरी था। तुर्रा यह कि हम शिक्षकों से इतने बड़े परिवर्तन पर कोई व्यापक विचार विमर्श/संवाद नहीं हुआ। हमें तो बस ऊपर से आए हर आदेश को लागू करना है। फिर भी हम अपने सीने में ‘शिक्षक होने का तमगा’ लिए घुमते हैं?
इ-मेल डाकिया
मन क्या चाहे, मिले विश्व वह,
ReplyDeleteअपनों को भी, औरों को भी।
आप का क्रोध दिखाई दे रहा है...हम भी विवश हो गए है यह वर्तमान बदली हुई प्रणाली नुक्सान अधिक कर रही है.अपरोक्ष रूप से छात्रों का ही अधिक नुक्सान हैं.
ReplyDeleteई सब शिक्षा के स्तर को ख़राब करने की योजना के अतिरिक्त कुछ नहीं
ReplyDeleteआपकी चिंता जायज़ है। शिक्षा-परीक्षा पद्धति में कोई भी परिवर्तन करते समय उसमें शिक्षकों को शामिल किया जाना ही चाहिए.
ReplyDeleteGovt baccho ka bhavishya dubaane me koi kami nahi rakhna chahti shayad!!!!!!
ReplyDeleteAgar hamari govt aisi soch rakhenge to har baccha pass to ho jayega par aage competition exam mai unhe bahut pareshani hogi....isliye mai aapki baaton se sahmat hoon.
ReplyDeleteबदली हुई प्रणाली
ReplyDeleteसच्ची बात।
ReplyDeleteभइया जी शिक्षक कभी इस लायक नहीं समझा गया उसे तो वही पढ़ना था जो शासकों के मतलब का हो। आज पढ़ी लिखी पब्लिक शासकों के हित में नहीं तभी तभी पढ़े लिखे नालायकों की फ़ौज खड़ी करने की तयारी है।
ReplyDeletePrathamic shiksha yuva bharat ki neev hai
ReplyDeleteFAIL-PASS SE UPAR UTHO
ReplyDeletePARIVARTN UCHIT HAI
KABHI FAIL HONE KA SWAD CHAKHA KI NAHI ?
1number ka antar fail pass karta hai prathmik star par yah antar mitana lazmi hai ..
Education k tareeke me badlaav lana bahut jarrori ho gaya, Ratta maar vidya
ReplyDeletebahut ho chuki
http://dexterthetester.blogspot.in/
Please do not evaluate with examination procedure for students.Pl'se find yourself fault that Why this method applied in our system ? More trachers do not show interest in teaching & more are involved in his coaching professions then examination system is not perfect parameter to saerch talent .So it's going on to " Jo Chal raha hai sab Thik hai"
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