जीवन चलने का नाम : कल 2014 था और आज 2015 की नयी सुबह!
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समय की राह पर चलते-चलते आज हम उस मोड़ पर खड़े हैं, जहां पीछे मुड़कर देखें
तो 2014 की अनगिनत यादें सामने खड़ी हो जाती हैं, तो आगे नजर आती है 2015
में उम्मीदों की एक भरी-पूरी दुनिया। उम्मीद चीज ही कुछ ऐसी है, कि उसमें
अमूमन कल्पना का पुट आ ही जाता है, और नव वर्ष के शुरुआती समय में तो इन
उम्मीदों का उफान कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है। यही वह समय होता है, जब आप
अतीत पर नजर दौड़ाते हैं, आस भरी नजरों से भविष्य को निहारते हैं, और फिर यह
जरूर गुनगुनाते हैं, हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले।
► 365 दिनों का एक और सफर... और ढेर सारे सपने
नए
साल का सूरज सिर्फ सूरज नहीं होता, वह हमारी उम्मीदों की गुनगुनी धूप भी
होता है, ताकि अनिश्चय के कोहरे से पार पाया जा सके। नया वर्ष केवल पुराने
कैलेंडर का खत्म हो जाना भर नहीं होता, बल्कि नई ऊर्जा और नई संकल्पना का
अवसर भी होता है, ताकि पुरानी चुनौतियों को खत्म कर विकास की नई परिभाषा
गढ़ी जा सके। वास्तविकता यह है कि इस एक वर्ष के बुढ़ाने में हम अधिक
अनुभवप्रज्ञ हुए होंगे? अधिक जानकारियों से लैस हुए होंगे? हमारे पास अधिक
आत्मानुशासन आया होगा? हम और अधिक शक्तिशाली हुए होंगे ......... बल बुद्धि
और विवेक से?
पर
इन परिवर्तनों का हम अपने लिए, आपके लिए और समाज के लिए क्या उपयोग कर
सकें........सबसे अधिक यही महत्वपूर्ण है। हमारी इस रूप में समाज में
भूमिका और प्रभावी होनी चाहिए! अपने पास, पड़ोस और परिवेश में हम आप क्या
अधिक और सकारात्मक कर सकते हैं यह चिंतन इस नूतन वर्ष 2015 में भी चलता रहे
ऐसी परमात्मा से उम्मीद है? समाज में जो जैसा है की चलताऊ भावना से परे
हटकर कुछ और अच्छा बनाने की सतत कोशिश की लौ जलती रहे ...... इस भावना से
ही हम सबको नए वर्ष में प्रवेश करना चाहिए। आइये हम सब शपथ लें कि हम सब
शिक्षक परिवर्तन के वाहक बनेंगे ......परिवर्तन अपने अन्दर, परिवर्तन अपने
विद्यालयों में, परिवर्तन अपने परिवेश में और परिवर्तन अपने समाज में।
► बस इतना सा ही ख़्वाब है ~ कुल मिलाकर मौजा ही मौजा।
वर्ष 2015 तुम्हारा स्वागत है - आप सबको शुभकामनाएं!
सभी मित्र बंधुओं को नव वर्ष की बधाई व् शुभकामनाएं
ReplyDeleteसंजय भाई !
Deleteआपको भी नववर्ष की बधाई।
आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं, माट साब !
ReplyDeleteज़रा कुछ ऐसा जुगाड़ करिए न, कि ये रिसेन्ट कमेन्ट दिखने लगे. (साइडबार में) ;-)
अरे वाह आप अभी भी है हा हा
Deleteवही तो हम सोच रहे थे कि पता नहीं महाराज कहाँ बिलाये गए? ;)
आपको भी नववर्ष की बधाई।
ये क्या गूगल जी कह रहे हैं.
ReplyDeleteshine.com
convert to Islam
अपना न तो पढाई-लिखाई से वास्ता रहा और धरम के भी नहीं रहे.
Even Santa wants SBI !! हम क्यों पीछे पड़ें, उसको ही ले लेने दो.
अपन तो Abu Dhabi घूमने जाते हैं. :P
सर जी आपको और सभी पाठकों को नए वर्ष की हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteअनिल साहू
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