हाज़िर है ............सबसे पहले
फ़िर जगदीश जी को सुनना न भूलें ...... हरीओम पवार जी की उग्रता के बिल्कुल विपरीत जगदीश सोलंकी जी का अपना ही एक अलग अंदाज है । उनका यू - ट्यूब विडियो संस्करण का लिंक यह रहा ।
हालाकि कुछ कवितायें अधूरी हैं ...वहीं विडियो भी अ-स्पष्ट दिखता है ...पर आडियो बिल्कुल सही है ।
आनन्द आ गया सभी विडियो देख-सुन कर. आपका बहुत आभार!!
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