बढ़ते प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने सराहनीय पहल की है। विभाग ने अब प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में पालीथीन लाने पर पाबंदी लगा दी है। यह व्यवस्था जुलाई से शुरू होने वाले नये शैक्षिक सत्र से लागू होनी थी । इसका पालन शिक्षकों के साथ छात्रों को भी करना होगा।
यह निर्देश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी कर दिए हैं। बताया गया है कि यह कोशिश पर्यावरण के प्रति छात्रों को जागरूक करने की दिशा में एक कदम है। अभी तक छात्र-शिक्षक पालीथीन में ही खाद्य पदार्थ लाते थे, इससे स्कूलों में गंदगी फैलती थी, साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता था।
पर जहाँ तक मेरे अपने जिले की बात है सैकडों अन्य निर्देशों के बीच यह कहीं दुबका पड़ा होगा ? क्योंकि अब तक हमारे विद्यालय में यह सूचना प्राप्त नहीं हुई है । तो हम तो कर रहे हैं इन्तजार!! !!
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बेहतरीन कोशिश है!
ReplyDeleteअच्छा प्रयास है . लेकिन जड़ से उखाड़ने का प्रयास क्यों नहीं होता . उत्पादन क्यों नहीं बंद करते ?
ReplyDeleteप्रयास अच्छा है,
ReplyDeleteआज मैंने कुछ सामान ख़रीदा, डरे हुए दुकानदार ने मोमजामें की थैली देने से मना करते हुए भाषण पिला दिया. जबाकि सारा सामान- दाल,चावल, मसाले, तेल आदि प्लास्टिक की थैलियों में पहले से ही पैक था...
ReplyDeleteसार्थक प्रयास
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श्री युक्तेश्वर गिरि के चार युग
निर्देश तो अच्छे हैं। क्रियान्वयन देखा जाये।
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