दिल फट गया आज केरल के मुख्यमंत्री वी. एस. अच्युतानंद के इस बयान को सुन कर की यदि संदीप उन्नीकृष्णन मेजर न होते और देश पर शहीद न होते तो उनके घर पर कुत्ता भी न जाता । इस तरह के जिम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति इस तरह की ग़लत बयानी पर उतर सकता है इसका विश्वास भी नहीं होता है ।
पिछले दिनों से मैं ब्लॉग जगत में चुपचाप आतंक के नए घटनाक्रम पर नजर गडाए था , मन बड़ा क्षुब्ध था , अशांत था ,कहीं टिपण्णी करता तो कहीं शांत होकर बैठ जाता । फ़िर चाहे राहुकाल का प्रभाव कहे (समीर जी के हिसाब से) इसी बीच अपने बड़े करीबी के अचानक मृत्यु ने भी एक सदमा दे रखा था । इसी बीच आज अभी कानों में यह ख़बर इंडिया टीवी से मिली कि केरल के मुख्यमंत्री ने यह बयान दिया । मन बिल्कुल फट गया । सारी सदाशयता ख़त्म दिखती है , लगता है की वह शख्श मेरे पास हो तो उसका गला दबा दूँ । अभी तक तो मैं समझता था की नेता की चमड़ी मोटी होती है , बेइज्जती को भी हसते हसते बर्दाश्त कर लेते हैं , पर यह अनर्गल बयान बाजी !!!! अफ़सोस !!!!
पिछले दिनों से मैं ब्लॉग जगत में चुपचाप आतंक के नए घटनाक्रम पर नजर गडाए था , मन बड़ा क्षुब्ध था , अशांत था ,कहीं टिपण्णी करता तो कहीं शांत होकर बैठ जाता । फ़िर चाहे राहुकाल का प्रभाव कहे (समीर जी के हिसाब से) इसी बीच अपने बड़े करीबी के अचानक मृत्यु ने भी एक सदमा दे रखा था । इसी बीच आज अभी कानों में यह ख़बर इंडिया टीवी से मिली कि केरल के मुख्यमंत्री ने यह बयान दिया । मन बिल्कुल फट गया । सारी सदाशयता ख़त्म दिखती है , लगता है की वह शख्श मेरे पास हो तो उसका गला दबा दूँ । अभी तक तो मैं समझता था की नेता की चमड़ी मोटी होती है , बेइज्जती को भी हसते हसते बर्दाश्त कर लेते हैं , पर यह अनर्गल बयान बाजी !!!! अफ़सोस !!!!
माना कि संदीप के पिता ने आक्रोश व दुःख में अपने पर नियंत्रण नहीं रख पाये होंगे , लेकिन दुःख के इस घड़ी में मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर बैठा व्यक्ति इस नीचता पर उतर सकता है , बहुत मन उदास है , पर आक्रोश कि एक ज्वाला भी भरी है मन में !!!!
मेरी तरफ़ से अच्युतानंद को चार जूते खींच कर !!!! मन हल्का हो जाए तो अच्छा ही है !!!
प्राइमरी का मास्टर को माफ़ करना -मैं मजबूर हूँ इस तरह अपने मन की भडास निकालने के लिए!!!!
प्राइमरी का मास्टर को माफ़ करना -मैं मजबूर हूँ इस तरह अपने मन की भडास निकालने के लिए!!!!
kutta nahi jata, achyutanand naam ka suar to gaya hee tha, afsos ke usko ghusne nahi diya gaya !!
ReplyDeleteBhai praveen ji,
ReplyDeleteSabse pahle to ap mere blog par visit karne,aur anusaran karne ke liye mera dhanyavad sweekaren.
Rahee bat keral ke mukhya mantree Achutanand kee To vakayee unhone bahut ghatiya,nikrisht,aur kayarta poorna bayan diya hai.Us vyakti ko to bharat ka nagrik kahne men sharm aa rahee hai.
Ek bat aur is bayan se major Krishnan Ke dwara desh par kee gai kurbaneeya unke ujjval prabhamandal par koi fark naheen padega .
Han achyutanand kee aukat jaroor deshvasiyon ko pata chl gayee .
अच्युतानंदन जैसे लोग उन आतंकवादीयों से भी ज्यादा खतरनाक हैं जो ताज पर हमला किये थे। वह तो बाहर के थे, इम भीतरी आतंकवादीयों का क्या ? इनको शायद नरक में भी जगह न मिले।
ReplyDeleteकुत्ते नहीं ही जायेंगे अफ़सोस है जाने की कोशिश की इसने.
ReplyDeleteदेखिए, आपका नाराज होना समझ में आता है परन्तु इस सारे घटनाक्रम व लेख में दो गलत बातें हुईं । एक तो कुत्तों का अनादर दूसरा इतने बढ़िया जूतों का ! शहीद का अनादर करने वाला तो कोई पैदा ही नहीं हुआ । चाँद पर थूकने से वह वापिस अपने चेहरे पर ही गिरता है जैसा की मंत्री जी के साथ हुआ । सो निश्चिन्त रहिए, शहीद का अनादर करना मंत्री जी के वश की बात नहीं है ।
ReplyDeleteयदि मंत्री जी व उन जैसे बहुत से लोग कुत्तों को कुछ दिन गुरु मान लें तो वफादारी व देशप्रेम भी सीख जाएँगे । कभी आपने देखा है कि कोई कुत्ता अपने मनुष्य परिवार के साथ गद्दारी करता हो ? वह तो अपनी गली की भी रखवाली करता है, जिसके लिए न उसे सम्मान न वेतन मिलता है । वह कुछ चाँदी के सिक्कों के लिए अपना मनुष्य परिवार छोड़ नए परिवार में नहीं जा मिलता । कभी किसी गरीब के कुत्ते को जबरन मर्सीडीज़ में ले उड़ने का कोई यत्न तो करके दिखाए ! लहूलुहान हो जाएगा । और बिकने वाले लोग शहीद या वफादार जीव के बारे में क्या जान सकते हैं ? सो मंत्री जी ने केवल अपना असली रंग व अपनी हैसियत दिखाई और इसके लिए हमें उन्हें धन्यवाद देना चाहिए । इस कांड ने बहुतों की कलई उतार दी है ।
घुघूती बासूती
हमारा भी समर्थन है जी। कुछ बाते आपके माध्यम से कहना चाहूंगा।
ReplyDelete1. मोमबत्ती खूब जलाये लोग पर उन्हे नेताओ के सिर पर रखकर जलाये और यदि नेता घबराकर चिल्लाये तो उन्हे बताया जाये कि मर गये तो एक लाख मिलेगा और घायल हुये तो पचास हजार।
2. मेरी याददास्त जरा कमजोर है। मेरे ख्याल से टाडा मे संजय दत्त नामक एक अभिनेता अन्दर हुआ था न। अभी भी आरोप मुक्त नही हुआ है। फिर आज सभी चैनलो मे वह कैसे देशवासियो से हमदर्दी दिखा रहा था? चार जूते उसको भी क्यो न मारे जाये?
3. अमिताभ भी बहुत दुखी है। मुझे बताये केन्द्र मे सपा की मदद से सरकार चल रही है। अमर उनके भाई है सपा सांसद जया उनकी पत्नी। इसी सपा के अबु आजमी ताज के अन्दर गये थे। फिर अमिताभ ये दोहरी बात कैसे कर रहे है? ये अभिनेता है और पुराना नेता भी। जितना उसने नाम कमाया है ऐसे सब गवा बैठेगा।
4. क्यो न नकवी, अच्युतानन्द, पाटिल (दोनो), विलासराव जैसे नेताओ पर आजीवन चुनाव न लड सकने की पाब्न्दी लगाने की माँग जनता करे।
5. मैने अभी तक मनमोहन को हिन्दी मे घटना के बाद से आम जनता से बोलते नही सुना। कैसा आदमी है जी ये?
ताज्जुब की बात है एक प्रदेश का सीएम इस तरह की भी बात कर सकता है. एक शहीद के घरवालों का गुस्सा तो समझ में आता है लेकिन जिस बात पर अच्युतानंद को ग्लानि होनी चाहिए थी, उस पर वो इतने भद्दे तरीके से भड़क रहे हैं. धिक्कार है.
ReplyDeleteएक बात रह गयी है। अपने ब्लाग जगत के एक महान ब्लागर संजय तिवारी ने लिखा है कि नकवी ने आखिर क्या गलत कहा? उसने यह भी लिखा है कि ऐसे बयानो को सामने लाकर मीडिया गलत कर रहा है। चलिये एक आस्तिन का साँप हमारे बीच से भी निकला। इसको पहचानिये और विस्फोट. काम का पुरजोर विरोध कीजिये। ऐसे लोग इस देश के नासूर है। ताज पर हमले की रात इसने एक लेख छापा था कि अमीरो के होटल मे हमले पर इतना हल्ला क्यो?
ReplyDeleteदुश्मनो का हमदर्द हमारे बीच बैठा है।
maine apne kuch purane joote bacha kar rakhe hai..sath le kar ghoomne laga hu aajkal.jahan yeh neta log mil jaye wahi par muh par de maarna hai...jooto ki kami nahi hai is desh main..sabhi tyaar bethe hai hath main lekar...
ReplyDeleteAor aap kyon maafi maang rahe hai? aap or hum kutte tode hai jo Major Krishnan ke ghar nahi jayege..kam se kam mere liye to woh jagah ek pavitra mandir se kam nahi hai..Sadar naman desh ke sahid ko!!
मैने भी अचुत्यानन्दन जी को पढ़ा था। सत्तामद इतना सिर चढ़ जाता है, यह जानकर दंग रह गया था।
ReplyDeleteठीक कह रहे हैं आप। सभी के अंदर ऐसा ही आक्रोश है।
ReplyDeleteकोई अचुत्यानन्दन को यह भी समझाए की तू भी मुख्यमंत्री नही होता तो तुझे कोन पूछता | शायद गली के कुते भी नही !
ReplyDeleteजूतों की ज़रूरत इन्हे भी है; कृपया यह लिंक देखे --
ReplyDeletehttp://www.hotklix.com/?ref=content/152704&in_showcase
अचुत्यानंदन ने वैसे सही कहा है कि कुत्ते भी नही जाते । वे तो अपनी गली के ही गुडें होते है।शहीदों के घ्रर परिवार में तो वे ही जाते है, जिन्हें उनके प्रति आदर होता है। रही जूते मारने की बात तो चार क्यो तै कर रहे हो गिनो मत बस मारते जाआें।
ReplyDelete4 jutey kam haen
ReplyDeleteसही कह रहे है आप।वैसे ये जूते मारने लायक भी नही है।
ReplyDeleteजूते मारो साले को. चार हमारी ओर से भी
ReplyDeleteसही सही कही....
ReplyDeleteचार क्यों भाई ?जिसके मन में जितने आयेगी मारेगा
ReplyDeleteअरे भइये, भाजपा के महासचिव साहब भी लाइन में हैं। उनके बारे में भी तो सोचिए।
ReplyDeleteWhat students are awarded in convocation in pakistan :
ReplyDeleteBE :- Bomb Engineering.
M.B.B.S. :- Member of Bomb Blasting Society.
IIT :- Islamic Institute of terririsom.
CAT :- Career in Alquida &Taliban.
MTECH :- Master in Terror Technology.
LLB :- Learning Licence of Bomb blasting.
BSc :- Bio weapon science
अरे इसके नीचे से कुर्सी तो खींचो ताकि आम आदमी का दर्द महसूस करने की अक्ल आ जाए!
ReplyDeleteइस मुफ्तखोर को तो चार नहीं चार लाख पड़ेंगे - इसके निर्वाचन क्षेत्र की जनता ही लगायेगी, चुनाव तो आने दो ज़रा!
ReplyDelete"अच्युतानंद को मारो जूते चार !!!!!"
ReplyDeleteमैं इसका विरोध करता हूँ! कारण -- जूते की भी अपनी इज्जत होती है. उसे उसके स्तर से नीचे नहीं जाने दिया जा सकता.
उन "सज्जन" के लिये तो सही सजा का अविष्कार हम सब को मिल कर करना पडेगा.
सस्नेह -- शास्त्री
शर्मनाक बयान!!
ReplyDeleteअनुराग से सहमत हूँ: चार ही क्यूँ??
bhaiya.......hum to ye kahenge (jaisa k kai aur logo ne mumbai me kai aur logo ne kaha) ki hum apne ghar me kutte ko to aane denge lekin achutyanand jaise logo ko kabhi nahi gusne denge. Waise bhi kutte in netaaon se kai guna ache hote hain. ek roti khane k baad imaandari se apna farz nibhate hain. Lekin in netaon k baare me kya kehna.
ReplyDeleteसंख्या बढाइये चार से काम नही चलेगा ।
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