निजी अनुभव

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निजी अनुभव


निजी अनुभव सबके होते हैं,
पर सबके अनुभव अलग-अलग होते हैं।
अपने अनुभवों पर जोर न दें,
क्योंकि वे सिर्फ आपके अनुभव होते हैं।


अपने अनुभवों को दूसरों पर न थोपें,
क्योंकि वे उनकी राय नहीं बदल सकते।
अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करें,
और दूसरों के विचारों को भी सुनें।


अपने अनुभवों से सीखें,
और दूसरों को भी सीखने में मदद करें।
एक दूसरे की राय का सम्मान करें,
और एक दूसरे से सीखें।


अपने अनुभवों से जुड़ी हुई हैं,
हमारी कई सारी भावनाएं।
वे हमें खुशी, दुख, क्रोध,
और कई अन्य भावनाओं से भर देती हैं।


हमारे अनुभव हमें बनाते हैं,
हमारे व्यक्तित्व को आकार देते हैं।
वे हमें सिखाते हैं,
और हमें आगे बढ़ने में मदद करते हैं।


हमारे अनुभव हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं,
लेकिन वे दूसरों के लिए नहीं।
दूसरों के अनुभव भी उनके लिए महत्वपूर्ण हैं,
लेकिन वे हमारे लिए नहीं।


अपने अनुभवों को दूसरों पर न थोपें,
क्योंकि वे उनकी राय नहीं बदल सकते।
अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करें,
और दूसरों के विचारों को भी सुनें।




यह कविता निजी अनुभवों की सीमाओं पर प्रकाश डालती है। यह कहती है कि हर किसी के निजी अनुभव अलग-अलग होते हैं, इसलिए उन्हें अपनी राय को मनवाने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अपनी राय को ठोस आधार पर रखना चाहिए, और उसे दूसरों से सीखने के लिए इस्तेमाल करना चाहिए।

इस कविता में, कवि हमें बता रहा है कि हमें अपने निजी अनुभवों को दूसरों पर थोपने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। हर किसी का अनुभव अलग-अलग होता है, इसलिए किसी की बात को नहीं झुकाना चाहिए। हमें अपनी राय रखनी चाहिए, लेकिन किसी को दबाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए 

इस कविता से हमें यह सीख मिलती है कि हमें एक-दूसरे के अनुभवों को सम्मान देना चाहिए। हमें दूसरों की बात को सुनना चाहिए और उनके दृष्टिकोण को समझने की कोशिश करनी चाहिए।


✍️  कविताकार : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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