मेरे मन मंदिर में हिंदी है

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मेरे मन मंदिर में हिंदी है,
मेरी जान हिंदी है,
मेरी धड़कनों में हिंदी है,
मेरी भाषा हिंदी है।


होय, होय, होय, होय, होय,
मेरे मन मंदिर में हिंदी है।


मेरे वचनों में हिंदी है,
मेरी अभिव्यक्ति में हिंदी है,
मेरी संस्कृति में हिंदी है,
मेरी पहचान हिंदी है।


होय, होय, होय, होय, होय,
मेरे मन मंदिर में हिंदी है।


मेरे हृदय में हिंदी है,
मेरी आत्मा में हिंदी है,
मेरे जीवन में हिंदी है,
मेरा सब कुछ हिंदी है।


होय, होय, होय, होय, होय,
मेरे मन मंदिर में हिंदी है।



(तर्ज : मेरे मन मंदिर में )

प्रस्तुतकर्ता  :  प्रवीण त्रिवेदी "दुनाली फतेहपुरी"



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