जानिए! शिक्षक संघ क्यों खरे नहीं उतर पा रहे शिक्षकों की आशाओं पर?

0


शिक्षक संघों का गठन शिक्षकों के हितों की रक्षा के लिए किया जाता है। शिक्षक संघ शिक्षकों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं और उनको प्राप्त होने वाले लाभों को सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं। हालाँकि, आजकल शिक्षक संघों की कार्यप्रणाली में कई कमियां देखने को मिलती हैं। इन कमियों के कारण शिक्षक संघ शिक्षकों की आशाओं पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं।



शिक्षक संघों की कार्यशैली में कुछ प्रमुख कमियां निम्नलिखित हैं:

आंतरिक गुटबाजी: शिक्षक संघों में अक्सर आंतरिक गुटबाजी की समस्या होती है। यह गुटबाजी शिक्षक संघों की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है और शिक्षकों के हितों के लिए आवाज उठाने में बाधा उत्पन्न करती है।

भ्रष्टाचार: शिक्षक संघों में भ्रष्टाचार की समस्या भी देखने को मिलती है। यह भ्रष्टाचार शिक्षक संघों की छवि को खराब करता है और शिक्षकों का विश्वास खो देता है।

असंगठितता: शिक्षक संघ अक्सर संगठित नहीं होते हैं। यह संगठितता की कमी शिक्षक संघों को मजबूत होने से रोकती है और शिक्षकों के हितों की रक्षा करने में बाधा उत्पन्न करती है।


शिक्षक संघों की इन कमियों के कारण शिक्षकों का आत्मबल भंग हुआ है और मानसिक और विभागीय शोषण बढ़ा है। शिक्षक संघों की कमियों के कारण शिक्षकों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है:


नौकरी से निकाले जाने का डर: शिक्षक संघों की कमजोर स्थिति के कारण शिक्षकों को नौकरी से निकाले जाने का डर बना रहता है। यह डर शिक्षकों के आत्मबल को तोड़ता है और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने से रोकता है।

अनुचित भेदभाव: शिक्षक संघों की कमजोर स्थिति के कारण शिक्षकों के साथ अनुचित भेदभाव होता है। शिक्षकों को उनके पद, अनुभव, या कौशल के आधार पर नौकरी में पदोन्नति या लाभों से वंचित किया जाता है।

मानसिक और कार्यालयी शोषण: शिक्षक संघों की कमजोर स्थिति के कारण शिक्षकों के साथ मानसिक और कार्यालयी शोषण होता है। शिक्षकों को उनके विभाग के अधिकारियों द्वारा दबाव डाला जाता है, धमकाया जाता है, या प्रताड़ित किया जाता है।


शिक्षक संघों की कमियों को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

⚫ शिक्षक संघों में आंतरिक गुटबाजी को खत्म करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
⚫ शिक्षक संघों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।
⚫ शिक्षक संघों को मजबूत बनाने के लिए उन्हें संगठित किया जाना चाहिए।
⚫ शिक्षक संघों में भी आंतरिक लोकतंत्र को पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए।


शिक्षक संघों की कमियों को दूर करने के लिए शिक्षकों को भी जागरूक होने की जरूरत है। शिक्षकों को चाहिए कि वे शिक्षक संघों में सक्रिय रूप से भाग लें और अपने हितों के लिए आवाज उठाएं। यदि कोई गलत कार्य हो रहा है, तो उसके खिलाफ अपना प्रतिरोध दर्ज कराएं। 

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)