हमें समझना होगा कि बच्चे केवल स्कूल से ही नहीं सीखते

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भारत एक बहुसांस्कृतिक देश है और यहां कई तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। इन त्योहारों का लोगों के जीवन में बहुत महत्व है।  वे लोगों को एक साथ लाते हैं और उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं के बारे में बताते हैं। 

नागपंचमी और गुड़िया जैसे त्योहारों का बच्चों के जीवन में भी बहुत महत्व है। ये त्योहार बच्चों को अपने समाज और संस्कृति के बारे में सीखने का अवसर देते हैं। वे बच्चों को अपनी परंपराओं और मूल्यों के बारे में बताते हैं। 


नागपंचमी और गुड़िया जैसे सामाजिक त्योहारों के दिन स्कूलों को खोलने से बच्चे या तो स्कूल नहीं आते या फिर स्कूल आने वाले बच्चे वह सीखने से वंचित रह जाते जो वह समाज के जरिए सीखने वाले होते हैं। 


बच्चे स्कूल नहीं आते। जब स्कूलों को सामाजिक त्योहारों के दिन खोला जाता है तो कई बच्चे स्कूल नहीं आते। इसका कारण यह है कि बच्चे इन त्योहारों को मनाने के लिए अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना चाहते हैं। वे त्योहारों की तैयारियों में भी शामिल होते हैं, जैसे कि घर सजाना, पूजा करना, और खेलना। 


बच्चे समाज के जरिए सीखने से वंचित रह जाते हैं। सामाजिक त्योहारों के दिन स्कूलों को खोलने से बच्चे समाज के जरिए सीखने से वंचित रह जाते हैं।  वे इन त्योहारों के बारे में नहीं सीख पाते हैं, और वे इन त्योहारों के साथ जुड़ने का अवसर नहीं पाते हैं।  इससे उन्हें एक महत्वपूर्ण पहलू से वंचित रह जाता है जो उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं को समझने में मदद करता है। 


समाधान
सामाजिक त्योहारों के दिन स्कूलों को खोलने के कई नुकसान हैं।  इसलिए, यह बेहतर होगा कि इन त्योहारों के दिन स्कूलों को बंद रखा जाए।  इससे बच्चे इन त्योहारों को मनाने के लिए अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिता सकते हैं, और वे इन त्योहारों के बारे में सीख सकते हैं। यह उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं को समझने में मदद करेगा। 


इसके अलावा, स्कूलों को इन त्योहारों के बारे में जानकारी देनी चाहिए। इससे बच्चे इन त्योहारों के बारे में जान पाएंगे, और वे इन त्योहारों के साथ जुड़ पाएंगे। इससे उन्हें एक महत्वपूर्ण पहलू से वंचित नहीं रहना पड़ेगा जो उन्हें भारतीय संस्कृति और परंपराओं को समझने में मदद करता है। 



यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि कैसे स्कूल इन त्योहारों के दिन बच्चों को सीखने का अवसर दे सकते हैं:

स्कूल इन त्योहारों के बारे में जानकारी दे सकते हैं। वे बच्चों को इन त्योहारों के इतिहास, महत्व और परंपराओं के बारे में बता सकते हैं।

स्कूल इन त्योहारों के बारे में कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं।  इन कार्यक्रमों में बच्चों को इन त्योहारों के बारे में सीखने और उनका आनंद लेने का अवसर मिलेगा।

स्कूल इन त्योहारों के बारे में प्रतियोगिताएं आयोजित कर सकते हैं। इन प्रतियोगिताओं में बच्चों को अपनी रचनात्मकता और प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा। 

मैं मानता हूं कि इन सुझावों को अपनाकर स्कूल इन त्योहारों के दिन बच्चों को सीखने का अवसर दे सकते हैं और वे अपने समाज के बारे में बेहतर समझ प्राप्त कर सकेंगे। 


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