This is the daily scenario these days...........in government schools, where Mid Day Meal is cooked in schools. There are staring eyes of the dogs........in place of children..........as we expect.
This proves that the dogs have more Smell-Power.
Isn't It?
जेतनी संख्या मा खउहा हैं उतनी ही संख्या मा देखउहा ! ई खड़े-खड़े खाली फोटू खिंचा रहे हैं ?
ReplyDeleteई लोग बनाय रहे हैं,हमको लगा घेर के खाय रहे हैं !
ReplyDelete@संतोष त्रिवेदी
ReplyDeleteई तो हैये है .....मुफ्त माल में कई लोगों की निगाह रहती है|
इसलिए खउहा और देखउहा मा ज्यादा अंतर नहीं है| यह फोटू बच्चों को मिड डे मील के वितरण के बाद की है ......जिसमे बनाने वाली रसोइये अपने लिए कुछ और रोटियां सेंक रही हैं| जाड़े के दिन हैं ....जाहिर है चूल्हे का सानिध्य सबको भाता है|
अच्छी नज़र है,पूरे तंत्र पर तमाचा |
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