चिट्ठाकारी की सबसे बड़ी आवश्यकता निरंतरता है ….जो हम जैसे नौसिखियों के लिए बड़ी भारी पडती है सो कुछ ना कुछ छापने की अपनी इन्स्टैंट छपास के क्रम में आज पेश है ….अपने कलाम साहब की पुस्तकों के बारे में चंद लाइने !
डा० ए पी जे अब्दुल कलाम
आधी सदी से अधिक का वक्त
मैंने बिताया किताबों के संग
किताब मेरी दोस्त,मेरी हमसफ़र,
किताबों के सहारे
मैंने देखे सपने
सपने बन गए मकसद
किताबों के सहारे बढ़ा हौंसला
मकसद पूरा करने का,
असफलता के वक्त
किताबों ने बढ़ायी मेरी हिम्मत
किताबें मेरी दोस्त, मेरी हमसफ़र,
अच्छी किताबें देवदूत बन मेरे लिए पैगाम
मेरे दिल को हौले से सहलाया,
इसलिए मैं अपने युवा साथियों से
कहता हूँ - किताबों से दोस्ती करो
ये हैं तुम्हारी अच्छी दोस्त, हमसफर
किताब मेरी दोस्त, मेरी हमसफर !
(दूसरा दशक के पोस्टर से साभार)
जल्दी ही यह कविता ब्लॉग के संबंध में सटीक बनेगी। किताबें भी रहेंगी और ब्लॉग भी।
ReplyDeleteकिताबॆ और कलाम .... कमाल कमाल कमाल
ReplyDeleteमास्टरजी की जय हो।
ReplyDeleteकमाल का कलाम डा० कलाम का।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
कलाम-ए-कलाम का शुक्रिया!
ReplyDeleteबहुत आभार!!
ReplyDelete’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’
-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.
नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'
कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.
-सादर,
समीर लाल ’समीर’
बढियां
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा है कि किताबें सच्ची मित्र हैं इन्हें ही अपनाना चाहिये ।
ReplyDeleteआभार प्रस्तुति का !
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति!
ReplyDeleteअच्छी पोस्ट
ReplyDeleteपुस्तके सब से अच्छे साथी होते हैं। और मास्टर जी के लिए तो.... :)
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteवाह जी वाह क्या सयोंग है हमने भी किताबों पर कुछ लिख मारा और आपने भी।
ReplyDeleteकिताबों के सहारे
मैंने देखे सपने
सपने बन गए मकसद
किताबों के सहारे बढ़ा हौंसला
मकसद पूरा करने का,
असफलता के वक्त
किताबों ने बढ़ायी मेरी हिम्मत
किताबें मेरी दोस्त, मेरी हमसफ़र,
बेहतरीन लिखा है।
किताब-महिमा सुन्दर लगी ..
ReplyDeleteबहुत ही प्रेरक रचना।
ReplyDeleteशुक्रिया मास्साब !
ReplyDeleteachchha sandarbha hai.....safdar hashmi ki 'kitaaben kuchh kahna chahti hain' rachna bhi qabil-e-taarif hai.
ReplyDeleteलीजिये अब हम भी हाज़िर हैं, आपकी सेवा में.... :)
ReplyDeleteमकर संक्रांति की शुभकामनाएं.
आपको और आपके परिवार को मकर संक्रांति की शुभकामनायें!
ReplyDeleteवाह बहुत बढ़िया लगा! इस बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई!
पोथी पढ़ि पण्डित भए
ReplyDeleteसबहिं सिखावत ज्ञान
जय मास्टर प्रवीण की
ये ब्लॉगिंग की शान