वहाँ कौन है तेरा,
मुसाफ़िर जायेगा कहाँ
दम ले ले घड़ी भर
ये छैयां, पायेगा कहाँ
वहाँ कौन है तेरा,
मुसाफ़िर जायेगा कहाँ
वहाँ कौन है तेरा ...
बीत गये दिन,
प्यार के पलछिन
सपना बनी वो रातें
भूल गये वो,
तू भी भुला दे
प्यार की वो मुलाक़ातें
प्यार की वो मुलाक़ातें
सब दूर अन्धेरा,
सब दूर अन्धेरा,
मुसाफ़िर जायेगा कहाँ
दम ले ले,
दम ले ले घड़ी भर
ये छैयां, पायेगा कहाँ
वहाँ कौन है तेरा ...
कोई भी तेरी,
राह न देखे
नैन बिछाये ना कोई
दर्द से तेरे,
कोई न तड़पा
आँख किसी की ना रोयी
आँख किसी की ना रोयी
कहे किसको तू मेरा,
कहे किसको तू मेरा
दम ले ले घड़ी भर
ये छैयां, पायेगा कहाँ
वहाँ कौन है तेरा ...
ओ हो हो मुसाफिर
तू जायेगा कहाँ
कहते हैं ज्ञानी,
दुनिया है फ़ानी
पानी पे लिखी लिखायी
है सबकी देखी,
है सबकी जानी
हाथ किसी के न आयी
हाथ किसी के न आयी
कुछ तेरा ना मेरा,
कुछ तेरा ना मेरा,
मुसाफ़िर जायेगा कहाँ
दम ले ले,
दम ले ले घड़ी भर
ये छैयां, पायेगा कहाँ
वहाँ कौन है तेरा ...
वहां कौन है तेरा मुसाफिर जाएगा कहाँ ?
Wednesday, August 05, 2009
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