सर्व शिक्षा अभियान के बाद उत्तर-प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा पर रपट

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कई दिनों से दैनिक जागरण के कानपुर डेस्क से लगातार छप रही संजीव मिश्रा की रिपोर्ट सर्व शिक्षा अभियान की बदहाल सूरत की पड़ताल करती दिखलाई पड़ रही है .....आंकडों की भरमार के बीच यदि इस रिपोर्ट पर १००% सच्चाई की मोहर नहीं लगा सकते तो १००% झूठी नहीं ठहराई जा सकती यह रिपोर्ट !



चंद दिन पहले नगर से करीब चालीस किमी दूर सरसौल में सात साल की सोनी और नौ साल की श्रीदेवी एक खेत में धान लगाती मिलीं। खेत से सटा प्राइमरी स्कूल है, उन्हें पास बुलाकर पूछा गया, स्कूल क्यों नहीं जातीं? बोलीं-ऐसे ही, ऐसे ही क्यों पूछा तो झेपकर भाग गयीं। उनके घरवालों से पूछा-स्कूल क्यों नहीं भेजते, बोले-जाती ही नहीं तो हम क्या करें? दरअसल, सोनी के जवाब 'ऐसे ही' और घरवालों की 'संदिग्ध लाचारी' में दर्जनों सवाल छुपे हैं, जिन्हें जाने बगैर सरकार उन्हें स्कूल लाने की कोशिश कर रही है और हर बार मुंह की खाती है। इस समय भी सूबे में 28 लाख बच्चे ऐसे हैं जो स्कूलों का मुँह नहीं देख सके हैं।

राज्य सरकार के दावों पर यकीन करें तो सूबे की प्राथमिक शिक्षा की तस्वीर बहुत उजली दिखती है। प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री धर्म सिंह सैनी कहते हैं कि हर बच्चे को स्कूल भेजना सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके लिए शिक्षकों को जवाबदेह बनाकर जुलाई भर अभियान भी चलाया गया है। बच्चों को स्कूल में रोकने के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया करायी गयी हैं। इसके बावजूद सचाई यह है कि सूबे की एक चौथाई से अधिक बालिकाएं 16 साल की होते-होते स्कूल छोड़ देती हैं। नौ साल पहले सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत करते समय 2010 तक छह से चौदह वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों को 'उपयोगी और सार्थक प्रारंभिक शिक्षा' का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसे कानूनी स्वरूप प्रदान करने के लिए 12 दिसंबर 2002 को संविधान के 86वें संशोधन में बच्चों के लिए नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा को 'मौलिक अधिकार' के रूप में मान्यता दी गयी। बावजूद इसके सचाई यह है कि सभी प्रयास बच्चों को शिक्षित करने के बजाय महंगी योजनाओं को पूरा करने के लिए हुए। स्कूल भवन चमकाना, कई-कई शिक्षक-मोटा वेतन व सुविधाएं और बच्चों-अभिभावकों को लालच। अफसरों ने इसे ही उपलब्धि मान लिया और इसी में हार छुपी है।आगे पढ़ें........


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8Comments
  1. शिक्षा का हाल चौपटै है मास्साब! आपको आज आपका जन्मदिन मुबारक!

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  2. अच्छी रिपोर्टिंग मास्टर साहब। जन्म दिवस की हार्दिक बधाई।

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  3. जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें ..

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  4. मास्साब को जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  5. गुरूजी जन्‍मदिन की बहुत बहुत बधाई

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  6. मास्टर जी को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई।

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  7. बधाई स्वीकार करें

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  8. सरकार से शिक्षा का अधिकार नहीं चाहिये जिम्मेदारी का निर्वहन चाहिये.

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