खतरनाक बारात मासूम बाराती : कौन जाना चाहेगा
Thursday, February 19, 2009
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कल इ-मेल से एक निमंत्रण का ऐसा डरावना आमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ कि पढ़ कर ट्यूब की तो हवा ही निकल गयी । जरा आप भी पढ़कर अपना मन बना लें , सो पूरा निमंत्रण पत्र पेश है....
हाँ जो भाई !!! इस खतरनाक परिवार के नजदीकी या दूर के रिश्तेदार हों ...... वह चाहें तो कई नामों को शामिल कराने की अर्जी परिवार के मुखिया के पास भेज सकते हैं ।
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बचकर रहना भाई!
ReplyDeleteघुघूती बासूती
निमन्त्रण की क्या जरूरत जी, लोग वैसे ही बतौर बराती नहीं, बतौर दूल्हा जाने को तत्पर हैं। :)
ReplyDeleteधन्यबाद ,मुझे तो इससे दूर रखे ऐसी शादी किसी को न मुबारक हो
ReplyDeleteयह तो भोले बाबा की बारात से भी भयावह है -मगर संदेश है मंगलकारी ! शुक्रिया इस संदेश के संचार का !
ReplyDeleteईश्वर करे कि इसमे छुपे संदेश को नशेबाज समझ सकें.
ReplyDeleteशुरु-शुरु के दिनो में इस निमन्त्रण का प्रभाव हुआ था। अब तो इसकी गम्भीरता नष्ट हो गई है और यह परिहास का विषय बन कर रह गया है।
ReplyDeleteनिमंत्रण patr में aproksh ruup से दिया 'संदेश janhit में है.
ReplyDeleteजिस ने भी बनाया है बहुत mehnat से बनाया है.उसकी chuturayee और kalpna शक्ति की taarif karni padegi
आपको मिला है..आप झेलो.
ReplyDeleteसंदेशा तो जनहित में है। लेकिन मानता कौन है?फिर भी चेताते रहना चाहिए।
ReplyDeleteआपके कोई रिश्तेदार ने ही भिजवाई होगी :-) हम तो दूर से ही प्रणाम करके निकल लेते हैं !
ReplyDeleteइस संदेश को नशा करने वाले की मति और उसके विवेक में घुसा दिया जाय तो शायद बात बने.
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ReplyDeleteइस न्योते के लिये आभार!!
ReplyDeleteआप ने अच्छा किया कि यह न्योता चिट्ठे पर उपलब्ध करवा दिया जिससे न्योताधारी पहले से समझ लें कि क्या कांड होने जा रहा है.
सब कुछ समझने के बाद मेरा उत्तर है "नो थेंक्स"
इस आंख खोल देने वाले आलेख के लिये आभार!!
सस्नेह -- शास्त्री
-- हर वैचारिक क्राति की नीव है लेखन, विचारों का आदानप्रदान, एवं सोचने के लिये प्रोत्साहन. हिन्दीजगत में एक सकारात्मक वैचारिक क्राति की जरूरत है.
महज 10 साल में हिन्दी चिट्ठे यह कार्य कर सकते हैं. अत: नियमित रूप से लिखते रहें, एवं टिपिया कर साथियों को प्रोत्साहित करते रहें. (सारथी: http://www.Sarathi.info)
गुरूजी इसके बाद भी तो लोग नही सुधरते।ऐसे निमंत्रण हमे पहले भी मिल चुके है,मगर इससे सीख देने का आईडिया हमे नही आया,आखिर आप गुरुजी है और हम चेले,सो थोड़ा तो फ़र्क रहेगा ना।
ReplyDeleteगुरूजी इसके बाद भी तो लोग नही सुधरते।ऐसे निमंत्रण हमे पहले भी मिल चुके है,मगर इससे सीख देने का आईडिया हमे नही आया,आखिर आप गुरुजी है और हम चेले,सो थोड़ा तो फ़र्क रहेगा ना।
ReplyDeleteबढ़िया संदेश है इस के माध्यम से ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर, इस की कापी छपवा कर, ओर पोस्टर बनवा कर शहरो ओर गांव मै लगाने चाहिऎ, धन्यब्वाद
ReplyDeleteन्यौतने के लिए आभार। यह संदेश अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना चाहिए।
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