बेसिक शिक्षा परिषद ने जारी की नियुक्ति एवं स्थानांतरण की नई नीति

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विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षितों को इस बार मेरिट के निचले क्रम से तैनाती दी जाएगी। प्रदेश के सभी विद्यालयों को अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार क्रम दिया गया है। पिछड़े क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों से नियुक्ति शुरू होगी। इसमें पहले शून्य विद्यालयों को लिया गया है। टॉप मेरिट में एससी वर्ग को प्राथमिकता दी गई है। उसके बाद सामान्य वर्ग की नियुक्ति होगी। इसमें किसी प्रकार का घालमेल होने पर बीएसए पर गाज गिरेगी। शासन ने ऐसा निर्णय राजनीतिक दबाव को समाप्त करने के कारण लिया है।

बेसिक शिक्षा परिषद ने नियुक्ति एवं स्थानांतरण की नई नीति जारी कर दी है। इसको वैज्ञानिक एवं पारदर्शी बनाया गया है। वर्ष 2008 के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षितों की तैनाती नई नियमावली के आधार पर होगी।

नवनियुक्त अध्यापकों की नियुक्ति के लिए रोस्टर सिस्टम बनाया गया है। शहर से दूरस्थ ब्लाकों को पिछड़ा क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके अतिरिक्त विद्यालयों को शून्य, एकल एवं अन्य तीन वर्ग में बांटा गया है। यानी जहां विद्यालय सिर्फ शिक्षामित्र के भरोसे चल रहे हैं या बंद हैं उन्हें शून्य विद्यालय घोषित किया गया है। इन विद्यालयों को ऊपर क्रम में रख कर प्रशिक्षितों की निचले क्रम की मेरिट बनाकर शून्य विद्यालयों से तैनाती होगी।


रोस्टर में एससी वर्ग मेरिट में प्रथम स्थान पर होगा। उसके बाद सामान्य फिर ओबीसी का नंबर आएगा। निचले क्रम में सामान्य, ओबीसी फिर एससी वर्ग को क्रम में रख कर तैनाती दी जाएगी। वैसे हर वर्ग की अलग-अलग मेरिट बनाई जाएगी। इसमें समान भाव से प्रशिक्षितों को क्रम से तैनात किया जाएगा। छात्र-अध्यापक अनुपात के आरोही क्रम में सूची तैयार की जाएगी। विकलांग अभ्यर्थियों से उनके श्रेष्ठता क्रम में तीन विकल्प मांगे जाएंगे। इसमें से एक विद्यालय में रिक्तियां होने पर उनकी नियुक्ति होगी। जिन विद्यालयों में पहली तैनाती होगी वहां यानी उस पिछड़े क्षेत्र के विद्यालय में उन्हें पांच वर्ष रहना अनिवार्य होगा। इसके पहले दूसरे जिले में किसी सूरत में स्थानान्तरण नहीं होगा। यह फार्मूला महिलाओं पर भी लागू होगा।

बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव इन्द्रपाल शर्मा ने बताया कि इस नियमावली को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। नव प्रोन्नत अध्यापकों को भी पिछड़े विकास खण्डों में पांच वर्ष सेवा करना जरूरी होगा। यदि उन्होंने ऐसे क्षेत्र में पांच वर्ष सेवा पहले कर ली होगी तो उनकी प्रोन्नति पर ज्येष्ठता और सामान्य क्षेत्र में उपलब्ध रिक्तियों के आधार विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई अध्यापक पदोन्नति के फलस्वरूप पिछड़े क्षेत्रों में तैनाती होने के कारण पदोन्नति अस्वीकार करता है तो उसको आगामी तीन वर्ष तक प्रमोशन नहीं दिया जाएगा।

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