हमारा प्रयास

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बच्चे हमारी परंपरा के वाहक हैं, और भविष्य की आशा भी / उत्सुकता से चमकती आँखों और उर्जा वाले बच्चे सब कुछ सीखने की ललक लेकर आते है आपके पास , और जब स्कूल उन्हे निराश करता है तो उनकी रुचि समाप्त हो जाती है और कई बार वे स्कूल की दुनिया से वापस चले जाते हैं/
अगर बच्चे उस तरह नहीं सीख पाते है , जैसे उन्हे सिखाया गया है, तो क्यों नहीं उन्हे उस तरह से सिखाया जाए जैसे वो सीख सके /
हमारा प्रयास तो यह होना चाहिए की हम बच्चे के लिए सीखने के समान अवसर और अनुकूल वातावरण रखें ताकि उसका अपनी क्षमता के अनुसार स्वाभाविक विकास हो सके , कुछ वैसे ही जैसे एक पौधे को पर्याप्त हवा , पानी , खाद, और प्रकाश मिलने से उसका स्वाभविक विकास अपने आप होता है /
हमे भी वे परिस्थितियाँ और अनुभव रचने वा संचित करने हैं जिनकी मदद से वो स्वयं का विकास करने मे सक्षम बन जाए

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