साल का एक दिन और मन गया शिक्षक दिवस! मगर सवाल हैं गंभीर

1
कोई आज अपने गुरु को नमन कर रहा तो कोई आज ताके बैठा अपने गुरु से हिसाब किताब निबटाने को। अक्सर प्राइमरी का मास्टर नाम को लेकर आपत्तियाँ आती ही रहती हैं। गुरु, शिक्षक को ज्यादा उम्दा भाषाई दर्जा देने वाले साथी "ओए गुरु" "का है गुरु" की बदली मानसिकता को भी पहचानते ही होंगे? कई बार हम कहते आयें हैं कि आप अपने आपको चाहे जितना अच्छा नाम नाम लेकर पुकारे जाने की कोशिश करें, लेकिन समय ऐसा कि दो चार उदाहरणों पर बनी राय लाखों पर राज करती है। मित्रों यह समय गिरावट का समय है। जितनी बड़ी गिरावट उतनी बड़ी चुनौती हमारे सामने।

प्राइमरी का मास्टर एक भाषाई चुनौती थी उन विश्वासों के प्रति जो हमें नकारा और निकम्मा माने जाने और सिद्ध किए जाने की भरपूर कोशिश करते रहते हैं। आत्ममुग्धता ना समझा जाये तो कहने में कोई गुरेज नहीं कि बहुत हद तक हम अपना प्रतिरोध दर्ज कराने मे सफल रहें है। आज की पूरी शिक्षा व्यवस्था शिक्षकों पर अविश्वास पर टिकी है। शिक्षा के बदलते अर्थशास्त्र, जिसमें शिक्षक का वेतन प्रमुख अंग है, के लिए इस अविश्वास को सुढृढ़ करना जरूरी है। यह व्यवस्था शिक्षकों से संवाद पर भरोसा नहीं करती। अब ऐसी व्यवस्था मे क्या और कैसे करना आपके जिम्मे नहीं लेकिन असफल परिणाम आपके जिम्मे थोपे जाने की एक सोची समझीं साजिश चल रही है।


चाहे जितना हम अपनी शैक्षिक प्रणाली को कोस् ले उसके बावजूद हर क्षेत्र में सफल व्यक्ति के पीछे एक शिक्षक की भूमिका देखी जा सकती है । एक स्कूल में तमाम तरह के संसाधनों के बावजूद एक शिक्षक के न होने पर वह स्कूल नहीं चल सकता है । दुनिया में ऐसे हजारों उदाहरण हैं, और रोज ऐसे हजारों उदाहरण गढे जा रहे हैं ,जंहा बिना संसाधनों के शिक्षक आज भी अपने बच्चों को गढ़ने में लगे हैं। वास्तव में आज के प्रदूषित परिवेश में यह कार्य समाज में आई गिरावट के बावजूद हो रहा है ,इसे तो दुनिया का हर निराशावादी व्यक्ति को भी मानना पड़ेगा ।

ऐसी बड़ी चुनौतियों के सामने आपकी तैयारी भी बड़ी होनी चाहिए। साथियों आपको हमेशा समय से दो कदम आगे रहना होगा। उन्हें दुनिया भर में हो रहे परिवर्तनों की समझ रखनी होगी और उसके अनुरूप नई पीढ़ी को तैयार करना होगा। यकीन मानिए यदि हम ऐसा करने मे सक्षम रह सके तो परिवर्तन के वाहक हम होंगें।

अपने सभी गुरुओं, शिक्षकों, मास्टरों और सीख देने वालो को नमन करते हुए।
सादर !

Enter Your E-MAIL for Free Updates :   

Post a Comment

1Comments
Post a Comment