प्राथमिक शिक्षा आज भारतीयों का मौलिक अधिकार बन गया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में सभी के लिए शिक्षा का पहल एक महत्वपूर्ण कदम रहा है। लेकिन, बाल मज़दूरी एवं बाल शोषण विशेषकर कन्या शिशु का चिंता का विषय बना हुआ है। बच्चों को शिक्षित कर उसकी छुपी प्रतिभा को उभारा जा सकता है, जिसके माध्यम से वे अपने उज्ज्वल भविष्य एवं शिक्षित व समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं।
संचार व सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने वाले अधिकांश संस्थान विकास के लिए संचार व सूचना प्रौद्योगिकी (ICT4D) के अंग के रूप में प्राथमिक शिक्षा पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। वे प्राथमिक शिक्षा के प्रभाव व उसकी क्षमता बढ़ाने में रेडियो, टेलीफोन, टेलीविज़न, कंप्यूटर एवं इंटरनेट जैसे संचार व सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण का प्रयोग कर रहे हैं।
आइ.एन.डी.जी. के प्राथमिक शिक्षा वर्टिकल में उपरोक्त दोनों तत्वों को शामिल किया गया है और प्राथमिक शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित करने व उसकी गुणवत्ता में सुधार लाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
संचार व सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने वाले अधिकांश संस्थान विकास के लिए संचार व सूचना प्रौद्योगिकी (ICT4D) के अंग के रूप में प्राथमिक शिक्षा पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। वे प्राथमिक शिक्षा के प्रभाव व उसकी क्षमता बढ़ाने में रेडियो, टेलीफोन, टेलीविज़न, कंप्यूटर एवं इंटरनेट जैसे संचार व सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण का प्रयोग कर रहे हैं।
आइ.एन.डी.जी. के प्राथमिक शिक्षा वर्टिकल में उपरोक्त दोनों तत्वों को शामिल किया गया है और प्राथमिक शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में स्थापित करने व उसकी गुणवत्ता में सुधार लाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है।