हमारा परम उद्देश्य

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। । संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम् । ।
(परस्पर साथ-साथ मिलकर चलो, परस्पर मिलकर संवाद करोतुम्हारे मन एक साथ मिलकर विचार करें ।)

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