उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) तैनाती नियमावली 2008

0
शासन द्वारा अब प्राथमिक शिक्षकों के लिए विद्यालयों में तैनाती लिए नयी नियमावली जारी कर दी गयी है। केवल विकलांगों को ही इसमे वरीयता दी जाएगी। प्रत्येक शिक्षक को पिछड़े ब्लॉकों में कम से कम पांच वर्षो तक नियुक्त रहना पड़ेगा। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पूर्व के अधिनियम के तहत शिक्षकों को काउंसिलिंगके आधार पर शिक्षकों की तैनाती व पदोन्नति की व्यवस्था थी। इसमें महिलाओं व विकलांगो को वरीयता दी जाती थी।

जिसके परिणाम स्वरूप मुख्यालय से दूर व मुख्य मार्ग से अलग ब्लॉकों में शिक्षकों की कमी होने लगी। शासन की चिंता बढ़ी सो शिक्षक नियुक्ति अधिनियम तैयार कर राज्यपाल के अनुमोदन को भेजा। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम 1972 की धारा 19 के उपधारा एक के अधीन शक्तियों का प्रयोग करके। प्रदेश के राज्यपाल ने गत माह शिक्षा अनुभाग पांच संख्या1416/79-5-08- 153/2007 के तहत उत्तर प्रदेश बेसिक अध्यापक तैनाती नियमावली 2008 को स्वीकृति दे दी।

नियमावली के तहत नियुक्ति व पदोन्नति के लिए की जाने वाली काउंसिलिंग प्रक्रिया को स्थगित कर महिला शिक्षकों को वरीयता न देने को लिखा है। केवल विकलांग शिक्षकों की ही वरीयता के आधार पर तीन विद्यालयों के विकल्प लिए जाएंगे। उन्हे भी रिक्त पद के आधार पर तैनाती मिलेगी। शासन ने जिला मुख्यालय से औसत से अधिक दूरी पर स्थित तथा छात्र शिक्षक अनुपात से अधिक छात्र संख्या वाले ब्लॉक व स्कूलों को पिछड़ा ब्लॉक मानते हुए नवीन शिक्षकों को यहीं पांच वर्ष नौकरी करनी पड़ेगी। इसके बाद ही उन्हे सामान्य ब्लॉकों में नवीन रोस्टर प्रणाली के तहत वरीष्ठता क्रम के आधार पर स्थानांतरण पदोन्नति पाने का हक होगा। पन्द्रह दिन में कार्यभार ग्रहण न करने पर प्रतीक्षा सूची के शिक्षक को तैनात कर दिया जाएगा।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)