बच्चे कैसे समझते हैं कोई अवधारणा ?

0

बच्चे कैसे समझते हैं कोई अवधारणा ? आम धारणा है की सीखना-सीखना एक गंभीर प्रक्रिया है अत्तह इसे पूरी गंभीरता से ही किया जाना चाहिए , लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है की आनन्द्दयि तथा रूचिपूर्ण गतिविधियाँ भी सीखने - सीखने के लक्ष्या के प्रति पूरी गंभीरता से मददगार होती हैं/
गंभीरता लक्ष्य के प्रति होना आवस्यक है ना की वातावरण के प्रति /
अक्सर बच्चे अपनी ग़लतियाँ खुद पकड़ लेते हैं , यह ज़रूरी नहीं है की उन्हे हर बार ग़लतियों का एहसास ही कराया जाए / इस समझ के साथ की ग़लती होने पर पहाड़ नहीं टूट पड़ेगा / सीखने की प्रक्रिया मे ग़लतियाँ तो होगी ही , लेकिन सीखना बंद नहीं होना चाहिए / सीखने - सीखने की हमारी योजनाओं मे बच्चों के लिए ढेरों संदेश छुपे होते हैं / बच्चों पर इनके असर के बारे मे हम लोग लगभग जानते हैं पर कुछ संदेश ऐसे भी हैं , जो हमारे स्कूल के माहौल , अध्यापक के व्योह्हार , बोल-चाल, चाल- ढाल , और हाव-भाव मे मौज़ूद तो होते हैं , पर अध्यापक को उनका एहसास नहीं हो पता है /

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)